यूनियन और ओवरसीज बैंक की 4 शाखाओं में 10 करोड़ का बैंक लोन घोटाला

रायपुर|  यूनियन और ओवरसीज बैंक की 4 शाखाओं में 10 करोड़ का बैंक लोन घोटाले का मामला सामने आया है। फर्जी दस्तावेज, रजिस्ट्री कॉपी और रेलवे के की नौकरी के कागजात के आधार पर जालसाजों ने एक-दो बार नहीं 25 मर्तबा लोन निकाले और पैसे बांट लिए। बैंक से लोन पास कराने के लिए जालसाजों ने फर्जी दस्तावेजों में किसी का भी फोटो लगाकर जमा कर दिया। बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से लोन पास भी हो गया। रैकेट फूटने के बाद पुलिस ने 18 जगह छापा मारकर गिरोह में शामिल 11 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। ठगों से पूछताछ की जा रही है। उनसे कुछ और बैंकों के दस्तावेज मिले हैं। उनका परीक्षण कराया जा रहा है।



पुलिस के अनुसार जालसाजों का रैकेट पिछले चार साल से बैंकों से पैसे निकाल रहा था। ये रैकेट सरकारी कर्मचारियों की नौकरी के दस्तावेज जुटाकर उनकी मदद से भी पैसे निकलवा रहा था। मामला तब सामने आया है, जब रेलवे की एक महिला कर्मचारी के नाम से 25 लाख का लोन पास हो गया। महिला को पता ही नहीं था, क्योंकि उन्होंने कर्ज के लिए किसी भी बैंक में आवेदन ही नहीं किया था। उसके बाद भी उनके नाम से पैसा निकाल लिया गया। उन्होंने खुद लोन के लिए आवेदन नहीं किया था, इस वजह से वे किश्त भी नहीं अदा कर रही थीं। पैसे नहीं अदा होने पर बैंक से उन्हें नोटिस भेजा गया। वे हड़बड़ा गईं। वे बैंक पहुंची और पूरी जानकारी निकाली। वे हैरान रह गईं कि उनके नाम से इतना पैसा निकाला जा चुका है। उन्होंने पुलिस को आवेदन दिया। पुलिस के आला अफसरों के निर्देश पर आवेदन के आधार पर खुफिया तरीके से जांच की गई। उसके बाद 25 लोन का फर्जीवाड़ा सामने आया है। पुलिस फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद बेहद गोपनीय तरीके से राजधानी के अलावा-तेलगांना और आंध्रप्रदेश में 18 जगह पर एक साथ छापे मारे। जालसाज रैकेट में रेलवे के कर्मचारी भी हैं। पुलिस ने सिविल लाइंस, खम्हारडीह, देवेंद्र नगर और आजाद चौक में अलग-अलग 4 केस दर्ज किए हैं।


 


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